SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें 2020

SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें (Beginner to advance guide 27 trick)

क्या आपको भी नहीं पता है seo friendly content kaise likhe और उसको कैसे google me rank कराते हैं अगर नहीं तो आप सही जगह आये है 
इस पोस्ट को पढने के बाद आपके सारे प्रश्नो का समाधान हो जाएगा। इस बिगिनर मास्टर गाइड में आपको नीचे से लेकर उपर तक बताया जाएगा।

नया ब्लाग बनाना जितना आसान है उतना ही मुश्किल होता है उस पर ट्रेफिक लाना 
लकिन यहां पर हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप seo friendly content likh kar google me kaise rank kar sakte hai
SEO friendly content kaise likhe aur google me kaise rank kare 2020

यहां पर हम वे ही कारण आपको बताने वाले हैं कि एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल ब्लागपोस्ट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे  करें

How to write SEO friendly content and rank in google 2020 

1. Keyword रिसर्च करें

आर्टिकल को लिखने से पहले उस पर रिसर्च करें- एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल अगर आपको लिखना है तो रिसर्च करना पडेगा क्योंकि सर्च इंजन क्वालिटी कंटेट को priority देता है। 

रिसर्च के लिए आपको वायरल ब्लाग पोस्ट, किताबें, यूटयूब से जानकारी, विभिन्न फेसबुक के ग्रूप, अच्छे ब्लागर्स के कन्टेंट से जानकारी लेनी है क्योंकि आप सभी जानते हैं “content is king”

इसके बिना आपका कंटेंट seo friendly नही बन सकता हैं। इससे आपको पता भी चल जाता है कि आपको पोस्ट में क्या क्या लिखना है।

अगर आप कीवर्ड रिसर्च नहीं करते हैं तो आपका कंटेट सर्च इंजन में नहीं आयेगा और सर्च इंजन में नहीं आयेगा तो ब्लाग में ट्रेफिक नहीं आयेगा और आप अच्छी रेंक नहीं प्राप्त कर सकते हैं।

कीवर्ड रिसर्च में आप यूजर की क्वेरी को इन्वाल्व करते हैं जितने यूजर के Questions के answer आप अपने आर्टिकल में देंगे उतने ही ज्यादा visitor आपके ब्लाग पर आयेगे।

Keyword research के लिए आपको आनॅलाइन बहुत टूल फ्री में मिल जायेगे जिनका उपयोग आप कर सकते हैं।

इसका एक फायदा ये भी है कि आप Multiple keyword को भी रैंक करा सकते हैं।  इससे आपकी domain authority भी बढेगी।

कीवर्ड रिसर्च और रिलेटिड कीवर्ड का प्रयोग

keywords निम्न प्रकार के होते हैं

Seasonal : ये कीवर्ड एक season में ही सर्च किए जाते हैं बाकी ये पूरे समय इनका कोई यूज नहीं होता है इसलिए इनका पीछा करने का कोई फायदा नहीं है.जैसे बेस्ट दीपावली गिफट,  बेस्ट रक्षाबंधन गिफट नया साल वालपेपर आदि

Evergreen: ये कीवर्डस हमेशा प्रयोग किए जाते हैं इसलिए ऐसे कीवर्ड को टारगेट करने से फायदा हमेशा होता है जैसे. कम्प्यूटर को कैसे format करते हैं कम्प्यूटर में कैसे partition करते हैं बाइक के लिए अच्छा हेलमेट, कम्प्यूटर की स्पीड कैसे बढायें आदि

Geo-targeted: ऐसे कीवर्ड एक स्पेसिफीक जीयो में सर्च किए जाते हैं जैसे. बेस्ट कोचिंग इन्सटीटयूट इन मेरठए बेस्ट होटल इन मेरठ आदि

Trending:  इन कीवर्ड का बहुत छोटा जीवन होता है ये एकदम से आते हैं और लुप्त हो जाते हैं

Product-oriented: ये कीवर्ड किसी brand के बारे में होते हैं ये एफिलियेट मार्केटिंग के लिए ज्यादा उपयुक्त होते हैं

Buyer: ये कीवर्ड ब्लागर, एडवरटाइजर और एफिलियेट मार्केटर के लिए बहुत ही उपयुक्त होते हैं

2. Related keyword का का प्रयोग करें

अपने कंटेट में रिलेटिड कीवर्ड और long tail कीवर्ड का का इस्तेमाल करें ये आपकी रैंकिंग को सर्च इंजन में ज्यादा बढा देगी।

रिलेटिड कीवर्ड जानने के लिए आप गूगल में अपना कीवर्ड डालें सर्च रिजल्टस में आपको सबसे नीचे आपको रिलेटिड कीवर्ड दिखाई देगे इन्हे अपने आर्टिकल में शामिल करें। ऐसे आर्टिकल जिसमें आप रिलेटिड कीवर्ड का प्रयोग करते हैं एसइओ फ्रेन्डली आर्टिकल कहलाते हैं।

अन्य कीवर्ड-

Navigational or short tail keyword: इस तरह के कीवर्ड को प्रयोग करने का ज्यादा फायदा नहीं होता है। इनका टारगेट किसी वेबसाइट इत्यादि में अन्दर जाने का होता है बस जैसे- फेसबुक लागिन जीमेल लागिन आदि

Short tail keyword: ये रैंक कराने में आसान नहीं होते हैं जैसे. वर्डपेस weight loss

Informational or Mid Tail keyword: ये प्राबलम आरियेन्टेड कीवर्ड होते हैं

Mid Tail keyword: ऐसे कीवर्ड में कुछ जानकारी होती है लेकिन ना तो पूरी होती है ना अधूरी ये ओडियनस को सिखाने के उददेष्य से होते हैं

Transactional or long tail keyword: ये बेस्ट कीवर्ड होते हैं जो गूगल मे rank होते हैं इनका प्रयोग करना चाहिए।

Long tail keyword: ये मनी मेकिंग कीवर्ड होते हैं इसलिए आप इनको गोल्डन कीवर्ड भी कह सकते हैं

गोल्डन कीवर्ड कैसे खोजें-

गूगल auto सजेस्ट का सहारा लें - सर्वप्रथम तो गूगल का सहारा लें आपके Niche से सम्बन्धित कुछ कीवर्ड तो वहां से मिल जायेंगे।

गूगल सर्च रिलेटिड- आधे कीवर्ड आपको यहां से मिल जायेंगे। ये long टेल कीवर्ड होते हैं

गूगल एड- आधे कीवर्ड आपको यहां से मिल जायेंगे।

सर्च इंजन का सहारा लें- जैसे एलसो आस्किड डाट काम (alsoasked.com) यहां पर आपको आपके niche से सम्बन्धित बहुत से कीवर्ड मिल जायेंगे।

ब्लागर से पोस्ट लिखने का आइडिया लें अब ब्लागर भी आपको कीस टापिक पर लिखना है उस टापिक को सजेस्ट करता है लेकिन ये वही आइडिया बताता है जो आपकी निश से सम्बन्धित है।

LSI कीवर्ड का सहारा लें-

1. LSI graph: यह एक फ्री टूल है ब्लाग पोस्ट लिखने के लिए।

2. keyword KEG: -यह LSI graph के ही समान है इससे आप अच्छे कीवर्ड सर्च कर सकते हैं

3. Question answer की सहायता लें- question answer की वेबसाइट आपके लिए बहुत काम सकती है जैसे quora, google question hub

3. SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें 

 एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट  बनाने के लिए हमे निम्न बातों का ध्यान रखना है

एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट सर्च इंजन उन्ही को मानता है जिसमें हेडिंग टैग (H1 से H5) का सही तरीके से इस्तेमाल होता है। इससे बोटस को पता चलता है आपके आर्टिकल में क्या क्या है

अपने यूजर की query को ध्यान में रखकर आर्टिकल लिखें जिससे उसके समस्त प्रश्नों का समाधान होता है।

अपने कीवर्ड का सही जगह इस्तेमाल करें आपका कीवर्ड सर्वप्रथम आपके यूआरएल, H1 टैग, H2 टेग, उसके बाद आर्टिकल के शूरू के दो पैराग्राफ में, टाइटल टैग में और आपके मैटा डिस्क्रिप्शन में।

SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें 2020
SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें 2020
External लिंक- आपके आर्टिकल में External link जिसे outbound link भी कहते हैं, का भी प्रयोग करना चाहिए जिनकी वजह से आपने इतनी अच्छी जानकारी दी है। 

लेकिन उन्ही का लिंक जोडे जिनकी domain authority और page authority अच्छी हो। क्या पता दूसरी साइट का व्यक्ति इससे आपको बेकलिंक दे दे और इससे आपको भी फायदा मिलेगा

आर्टिकल में interlinking भी जरूर करें,  इससे आपका Bounce rate तो कम होगा ही साथ ही visitor आपके आर्टिकल पर देर तक बना रहेगा इससे सर्च इंजन को पता चलता है कि आर्टिकल वेल्यूएबल है। आप तभी रैंकिग में सकते हैं।

4. यूजर की क्वेरी को समझे 

सर्च इंजन क्वालिटी आर्टिकल ज्यादा पसंद करता है, आप कितने ही बेकलिंक बना लें कितना ही उसका एसइओ कर लें, पब्लिसिटी कर लें लेकिन अगर क्वालिटी नहीं है और यूजर की क्वेरी को साल्व नहीं कर रहा है तो बेकार है यूजर आयेगा थोडा रूकेगा और चला जायेगा। गूगल में रैंक करने के लिए ये आवश्यक फैक्टर है ब्रायन क्लार्क के शब्दों में

Don’t focus on having a great blog. Focus on producing a blog that’s great for your readers.”- Brian Clark

डदाहरण - मान लिया user क्वेरी कर रहा gmail login हम क्या करेंगे पूरा डिटेल में बताने लगेंगे कि जीमेल क्या होता है कैसे लागिन करेंगे कैसे मेल भेजेंगे

लेकिन आपको नही पता है कि केवल उसको login करना है और अन्दर जाना है बस। उसके बाद आप कहेंगे कि हमारे ब्लाग पर traffic नहीं रहा है।

5. अपना आर्टिकल लम्बा और यूजर फ्रेन्डली लिखें 

अपने यूजर के लिए आर्टिकल लिखें और लम्बा लिखें जिससे उसके सारे question के जवाब मिल जायें और उसको कहीं और ना जाना पडे।

जिन्होंने नया ब्लाग start किया है उनको इस बात का ध्यान रखना है कि आर्टिकल लम्बा हो और useful भी हो। 

ऐसे आर्टिकल जो लम्बे होते हैं और जिनमें यूजर की सारी query का solution होता है ऐसे आर्टिकल एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट  या एसइओ दोस्ताना कन्टेंट होते हैं

6. मेटा डिस्क्रिप्शन 

तो दोस्तो हम बात कर रहे थे एसईओ फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें मेटा डिस्क्रिप्शन आपकी पोस्ट का संक्षिप्त भाग होता है 

जिसमें आप विजिटर को बताते हैं कि इसमें क्या है इस पोस्ट में आपको क्या जानकारी मिलेगी। सर्च इंजन में ये बोल्ड फारमेट में दिखाई देते हैं।

मेटा डिस्क्रिप्शन को देखकर ही अधिकतर विजिटर आपकी पोस्ट पर क्लिक करते हैं लेकिन गूगल रैंकिग के लिए ये महत्तवपूर्ण नहीं है

लेकिन ये यूजर के लिए अति महत्तवपूर्ण होते हैं क्योंकि यूजर इसे ही देखकर आपके कन्टेंट पर आता है क्योंकि यहां पर उसे अपनी क्वेरी का भाग दिखाई देता है इसको ही देखकर आपके ब्लाग पर ट्रेफिक आता है

अच्छा मेटा डिस्क्रिप्शन लिखने के लिए अपने टारगेट कीवर्ड, और रिलेटिड कीवर्ड का उसमें प्रयोग करें

7. Focus on Keyword difficulty not CPC

अगर आप Beginner हैं तो आपको CPC पर ध्यान नहीं देना है आपको फोकस सिर्फ keyword difficulty पर करना है। क्योंकि beginner होने के नाते आपको वो सीपीसी नहीं मिलने वाला है। इसलिए आप सिर्फ गूगल में रैक करने पर ही फोकस करें

8. किसी एक Niche को फोकस करें

 अगर आप एक एक Niche को टारगेट कर रहें हैं तो इससे गूगल में रैंक होने प्रतिशत बढ जाते हैं Multiple niche में रैंक होने के प्रतिशत कम होते हैं।

उदाहरण-अगर आपका Niche ब्लागिंग है तो आपको केवल ब्लागिंग से सम्बन्घित कीवर्ड पर लिखना है ना कि हैल्थ के बारें में।गूगल में रैक करने के लिए ये भी एक आवश्यक फैक्टर है

9. Keyword density अथवा keyword frequency

 आर्टिकल लिखते समय आपको keyword डेंसिटी का भी ध्यान रखना है एक आइडियल कीवर्ड 1 से 2 प्रतिशत होनी चाहिए। यानि अगर आपका आर्टिकल 100 शब्दों का है तो उसमें आपका कीवर्ड 1 या 2 बार आना चाहिए। ऐसे कन्टेंट seo friendly होते हैं और गूगल में जल्दी रैक करते हैं

उदाहरण- माना अगर आपने 1500 शब्दों का आर्टिकल लिखा है और आपने कीफ्रेज 20 बार प्रयोग किए हैं तो यह निम्न प्रकार होगा।

20/1500=.013×100=1.3%

इस तरह आपकी कीवर्ड डेंसिटी 1.3%  होगी।

10. Keyword Golden Ratio (KGR) तकनीक

इस तकनीक के द्वारा आप गूगल में बहुत जल्दी रेंक कर सकते हैं अगर आपका नया ब्लाग या वेबसाइट है जो गूगल मे रैंक नहीं हो रहा है तो इसका प्रयोग करके आप अपनी पोस्ट को गूगल में रैंक करा सकते हैं

KGR technique

कीवर्ड गोल्डन रेशियो =

सभी टाइटल में नम्बरों की संख्या (allintitle) /सर्च वाल्यूम (search volume)

मान लिया हमें निम्न कीवर्ड पर केजीआर लगाना है।
allintitle: seo friendly content kaise likhe
allintitle गूगल में जब हम डालते हैं तो वहां पर दिखाई देता है। इसमें जितने नम्बर रिजल्ट में आते हैं दिखाई देते हैं
मान लिया ये हमारा रिजल्ट आता है 25 और इसका सर्च वाल्यूम आता 100
तो हमारा केजीआर निम्न प्रकार होगा
=25/100= KGR
=1/4=.25

आपका सर्च वाल्यूम 200 से 250 के आसपास होना चाहिए। अगर आप इस तकनीक को प्रयोग करेंगे तो आप गूगल में जल्दी रेंकिंग में सकते हैं।पूरा आर्टिकल आप यहां पढ सकते हैं

11. Table of content

 अगर आप एक बडा आर्टिकल लिख रहे हैं तो उसमें टेबल आफ कन्टेंट का प्रयोग करें इससे आपके यूजर को भी कन्टेंट ढूंढने में आसानी होगी।

यूजर को जो कन्टेंट चाहिए वो आपकी टेबल से देखकर उन्ही topic से सम्ब्न्धित डाटा को search कर लेगा।

गूगल सर्च इंजन भी इस बात को prefer करता है जिससे वो आपके कन्टेंट को यूजर फ्रेन्डली और सर्च इंजन फ्रेन्डली मानता है।

ऐसे कन्टेंट एसइओ फ्रेन्डली होते हैं और गूगल में जल्दी रैक करते हैं

12. थीम (एसईओ फ्रेन्डली ब्लागर टेम्प्लेट)

ब्लाग में रिस्पोन्सिव थीम का प्रयोग करें। रिस्पोन्सिव का मतलब होता है जो desktop, मोबाइल में सही दिखती है एडजस्टेबल, एडरिस्पोन्सिव हो। 

एसईओ फ्रेन्डली ब्लागर टेम्प्लेट

मिनिमा कलर्ड 3 एक सिम्पल ब्लागर template है जो सभी ब्लाग के लिए उपयुक्त है। इसका सिम्पल कलर डिजाइन, modern लुक और ये seo आप्टिमाइजड है और ये आजकल के लोकप्रिर्य trend design पर आधारित है। इसमें जो मुख्य बाते हैं वो निम्न प्रकार है

रिस्पोन्सिव डिजाइन, एसईओ फ्रेन्डली, एडसेन्स के लिए तैयार, मैंगजीन वाला स्टाइल, 2 कालम, सर्च बाक्स, share बटन, top मिनू, नम्बर पेज navigation, लेखक का बाक्स, सब्सक्राइब के लिए बाक्स इत्यादि। 

अगर आपको पूरी डिटेल में जानकारी लेनी है तो यहां से ले सकते हैं

13. अपना आर्टिकल में कीवर्ड प्लेसमेंट सही रखें

गूगल में रैंक करने के लिए ये भी एक आवश्यक कारण है आपको कीवर्ड का कहां कहां इस्तेमाल करना है यह पता होना चाहिए। आपके 1000 वर्ड के आर्टिकल में आपका कीवर्ड 9 या 10 बार आना चाहिए।

आर्टिकल के url में कीवर्ड होना चाहिए

https://indian-webmasters.com/How-write-seo-friendly-content

आर्टिकल के शुरू के दो पैराग्राफ में में कीवर्ड हों अर्टिकल में प्रष्नवाचक चिहन (Who, Why, Do) का भी इस्तेमाल करें जैसे -

Do you know What is search engine optimization

Title में कीवर्ड का प्रयोग करें - आपके कन्टेंट का टाइटल ही सर्च इंजन और यूजर को बताता है कि आपने अपनी पोस्ट में किस बारे में बताया है अतः टाइटल में कीवर्ड का प्रयोग करें।

Description में कीवर्ड डालें अपने आर्टिकल के description में कीवर्ड डालें क्योंकि सर्च रिजल्टस में केवल आपके आर्टिकल का टाइटल और description ही दिखाई देता है। इसी वजह से सर्च इंजन उसे seo friendly मानता है।

हो सके तो मल्टिपल कीवर्ड डालें - कभी कभी यह होता है कि जिस कीवर्ड पर हम अपने आर्टिकल को रेंक कराना चाहते हैं उस पर वह रैंक  होकर किसी दूसरे कीवर्ड पर रैंक हो जाता हैइसका कारण है उसमें मल्टिपल कीवर्ड का होना जिससे कि वो किसी दूसरे कीवर्ड पर रैंक हो जाता है क्योंकि एक आर्टिकल विभिन्न तरीको से सर्च इंजन में सर्च किया जाता है।  

14. इमेज को प्रापर आप्टिमाइज करें-

पहली बात, आपके ब्लाग पर ट्रेफिक बढाने में आपकी इमेज का बहुत ही महत्तवपूर्ण योगदान होता है आपकी इमेज देखकर यूजर को लगना चाहिए जिस क्वेरी को साल्व करने के लिए वह इस पोस्ट पर आया है उसका समाधान यहां पर हो जायेगा।

दूसरी बात, आप जो इमेज ब्लाग में डालते हैं वे PNG या JPG फारमेट में होती हैं इनकी वजह से ही आपका ब्लाग ज्यादा भारी हो जाता है जो जल्दी खुलता नहीं हैं,

और दोस्तो आपतो जानते ही हैं आज की भागमभाग वाली जिन्दगी में कोई इन्तजार नहीं करना चाहता है वो आपके ब्लाग से दूसरे ब्लाग पर चला जायगा।

इसका सीधा solution ये है कि आप अपनी इमेज को proper optimize करें आपको इनकी जगह New generation format image (WebP, JPEG200, JPEG XR) का इस्तेमाल करना है। ये ब्राउजर फ्रेन्डली होती हैं

ये इमेज 25 से 30 प्रतिशत तक ज्यादा क्षमता के साथ कम्प्रेस होती है। और ब्राउजर में जल्दी दिखाई देती है।

https://en.wikipedia.org/wiki/WebP

इसलिए आपको New Generation format में अपनी इमेज को डालना है जिससे आपका ब्लाग ज्यादा लोडिड हो और यूजर उस पर बना रहे। आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपनी इमेज को कम्प्रेस कर सकते हैं लिंक

webp-converter.com/

अगर आप ब्लागर में अपलोडिड इमेज को बदलना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर आप उन्हें पहले डाउनलोड करें उसके बाद उन्हे webp में बदलें दोबारा वहीं पर डाल दें पूराने वाली हटा दें

Get.google.com/albumarchive/

अगर आप गूगल पेज स्पीड में अपने ब्लाग की स्पीड आप्टिमाइज करोगे ये error आपको दिखाई नहीं देगी (serve image in next gen formats)

Alt tag और title tag का proper यूज सही तरीके से करना है। क्योंकि इन्हीं की वजह से हमारा आर्टिकल एसइओ फ्रेन्डली माना जाता है। ब्लाग में कन्टेंट से सम्बन्घित इमेज का ही प्रयोग करें। ली आडन के शब्दों में-

A blog is only as interesting as the interest shown in others.”- Lee Odden

15. इन्फोग्राफिक

गूगल में रैंक करने के लिए ये भी एक आवश्यक कारण है किसी भी हाईक्वालिटी कन्टेंट में इन्फोग्राफिक का बडा प्रभाव पडता है (इन्फो-जानकारी, ग्राफिक-तस्वीर, पिक्चर)

आप अपने पूरे आर्टिकल को एक ग्राफिक के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं जो आपकी पोस्ट को वायरल कर सकता है

कैसे बनायें- आप कोई भी इमेज एडिटर या साफटवेयर का प्रयोग कर सकते हैं जैसे corel Draw, photoshop आदि।

अथवा आप online भी बना सकते हैं जैसे जैसे केनवा का प्रयोग करके इसमें आपको हाई क्वालिटी की इमेज और लाइन्स मिलती हैं जिन्हें आप एडिट कर सकते हैं।

https://www.canva.com/

इन्फोग्राफिक बनाते समय ये यूनिक होना चाहिए जिससे यूजर को ये अपनी ओर खींचे।
 अपना मुख्य संदेष बोल्ड और जो समझ में जाये कि इमेज में क्या दर्षाया गया है।
 ज्यादा जानकारी उसमें ना भरें जिससे वो यूजर को पसंद ना आये।
टेक्स्ट कम रखें

केनवा का प्रयोग कैसे करें और उससे इमेज कैसे बनायें सम्प्यूर्ण जानकारी 

16. प्रोफाइल लिंक

आपको अपना प्रोफाइल लिंक बनाना है जैसे फेसबुक, टविटर, लिंक्डइन, youtube आदि और अपने प्रोफाइल से बेकलिंक बना दिजिए अपने ब्लाग का और उस पर मेप कर दिजिए इससे गूगल को पता चलेगा कि इस नाम का कोई व्यक्ति है और इसका ये ब्लाग है गूगल की रैंकिग में इसका भी एक महत्तवपूर्ण योगदान है।

17. आर्टिकल को यूनिकोड में चेंज करें

 अगर आप बिगिनर हैं और हिन्दी में आर्टिकल लिख रहें हैं तो सबसे पहले उसको यूनिकोड में चेंज करें उसके बाद ब्लाग पोस्ट मे पेस्ट करें।

आपके आर्टिकल के अक्षर ज्यादा बारीक नहीं हाने चाहिए क्योंकि इससे मोबाइल रीडर को problem हो सकती है।

तीसरा जब आप एडसेंस का अप्रूवल के लिए अपने ब्लाग को गूगल एडसेंस में भेजेंगे तो वहां आपको एक error मैसेज आयेगा (post are not mobile friendly) इसलिए आर्टिकल पोस्ट में आर्टिकल का फोन्ट मोटा रखें।

18. Web submission

गूगल में रैंक करने के लिए ये भी आवश्यक है ब्लाग बनाने के बाद उन्हें अलग अलग search engine  जैसे गूगल, याहू, बिंग आदि को सबमिट कीजिए जिससे आपकी साइट जल्दी रेंक हो।

इसके बाद free web submission की साइट है उस पर आप अपना ब्लाग सबमिट करिये तो ट्रेफिक के चांस आपके लिए ज्यादा बढ जायेंगे।

19.Google sandbox

कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि गूगल का का एक सेंडबाक्स होता है आप जब भी कोई वेबसाइट बनाकर पोस्ट करते हैं तो उस sandbox में जाती है।

क्योंकि गूगल कभी भी नई वेबसाइट पर ज्यादा trust नहीं करता है लेकिन कभी कभी वो आपकी पोस्ट को sandbox से निकालता है यूजर के review के लिए इसे कहते हैं यूजर एसेप्टिंग टेस्ट (user accepting test)

अगर यूजर का आपकी पोस्ट पर ज्यादा देर तक रूकता है तो गूगल आपकी दूसरी पोस्टों को भी review के लिए निकालता है। 

यहां पर अगर आपकी पोस्ट इस टेस्ट में पास हो जाती है तो गूगल आपकी साइट को सेंड बाक्स से निकाल देता है। इसी वजह से कभी कभी नये ब्लाग की पोस्ट रेंक नहीं होती हैं

लेकिन गूगल ऐसी किसी एल्गोरिथम के लिए मना करता है, लेकिन फिर भी अगर आपको अपनी साइट को सेंडबाक्स में नहीं डालना है तो यूजर बेसिड अच्छी पोस्ट लिखें।

20.GoogleEAT concept

 आप जो भी पोस्ट या कटेंट लिखते हैं वो गूगल के EAT के कन्सेप्ट को follow करना चाहिए।

अर्थात अगर मैं एक ब्लागर हूं और आपको ब्लागिंग सिखा रहा हूं तो ये ठीक है लेकिन अगर मैं आपको हेल्थ या मनी से सम्बनिधत सलाह देने लगूं तो ये सही नहीं है।

यह जानकारी जुटाने के लिए कि ये बन्दा जो ब्लागिंग सिखा रहा है या नहीं अलग अलग जगह से मेरी प्रोफाइल को चेक कराया जायेगा अगर जानकारी सही है तो आपका ब्लाग रेंक हो जायेगा अन्यथा वो रिव्यू के लिए रहेगा।

इसका सीधा सा मतलब है कि जो जिस क्षैत्र का एक्सपर्ट है उसी में सलाह दे सकता है लेकिन हर फील्ड में एसा नहीं है।

21.अपने आर्टिकल को share करें

जब आप अपना एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल पूरा कर लें तो उसे publish करने के बाद विभिन्न प्लेटफार्म पर share करें और अपने विजिटर को भी प्रोत्साहित करें कि अगर आपका आर्टिकल पसंद आया हो तो विभिन्न जगह share करें इससे आप गूगल में जल्दी रैंक करेंगे

लेकिन शेयर करने से मतलब ये नहीं है कि आप अपने आर्टिकल का लिंक कहीं भी शेयर कर दें इससे आपके कन्टेंट पर बुरा प्रभाव पडता है

22. Domain

आप कोई सा भी डोमेन ले सकते हैं (.co.uk., .com, .in, .xyz) कुछ लोग  .com को ज्यादा prefer करते हैं। इसलिए .com को ज्यादा अहमियत दें

23. होस्टिंग

 अगर आपका ब्लाग गूगल के ब्लागर पर है तो आपको होस्टिंग लेने के जरूरत नहीं पडेगी क्योंकि गूगल का ब्लागर अच्छा खासा ट्रेफिक आसानी से मैनेज कर लेता है।

लेकिन अगर wordpress पर है तो होस्टिंग आपको लेनी पडेगी क्योंकि ये ज्यादा लोड नहीं ले पाता है आपकी साइट डाउन हो सकती है अगर उस पर ज्यादा विजिटर जाते हैं।

24. Keyword Stuffing

एक टारगेटिड कीवर्ड को कई बार अपने आर्टिकल में प्रयोग करने को कीवर्ड स्टफिंग कहते हैं इसमें कीवर्ड को बार बार प्रयोग किया जाता है जहां उसकी जरूरत भी नहीं है। 

आपको अपने आर्टिकल में स्टफिंग नहीं करनी चाहिए इससे आपके आर्टिकल पर बुरा प्रभाव पडता है और गूगल को पता चल गया तो वो आपकी साइट को बेन भी कर सकता है।

25. Backlinks: 

अगर आप बेकलिंक बनाते हैं तो आपको ये ध्यान रखना है कि अपनी नीश से समबन्धित साइट से ही बैकलिंक बनाये। अर्थात अगर आप ब्लागिंग से सम्बनिधत ब्लाग पर काम कर रहे है

एसी ही साइट से बैकलिंक लेने का प्रयास करें हेल्थ से रिलेटिड नहीं अन्यथा इसका बुरा प्रभाव पडेगा और आप गूगल में रैंक नहीं हो पायेंगे

26. स्पीड जरूर चेक करें

ब्लाग या वेबसाइट बनाने के बाद उसकी स्पीड और उसका आप्टमाइजेशन करें उसके लिए निम्न साइट की मदद ले सकते हैं Google page speed, GT matrix

27. अपने कन्टेन्ट को अपडेट रखें

सोचिए, आप गूगल पर जाते हैं और सर्च करते हैं कि कैसे एक ब्लाग स्टार्ट करें

लेकिन एक ब्लाग 2008 में लिखा गया है और एक अभी लेटेस्ट 2020 में लिखा गया है तो आप कौन सा ब्लाग खोलेंगे? जाहिर सी बात है 2020 वाला। 

ये ब्लागिंग का नियम है। गूगल इसलिए भी कभी कभी आपका कन्टेंट रैंक नहीं करता है क्योंकि आपका कन्टेंट पुराना हैं

नये ब्लाग पर ट्रेफिक आने में थोडा समय लगता है इसलिए थोडा इन्तजार करें लकिन अगर ज्यादा समय हो गया है तो बेशक आपको देखना है कि उपर दिये गये topic में से आपकी कडी कहां से कमजोर है।

मुझे आशा है कि आपको ये आर्टिकल seo फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें जरूर पसंद आया होगा अगर पसंद आया हो तो अपने दोस्तो के साथ शेयर करें और उनका भी मार्गदर्शन करें जिससे उनको भी कन्टेंट राइटिंग के बारे कुछ ज्ञान प्राप्त हो


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