SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें (Beginner to advance guide 27 trick)
यहां पर हम वे ही कारण आपको बताने वाले हैं कि एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल ब्लागपोस्ट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें
How to write SEO friendly content and rank in google 2020
1. Keyword रिसर्च करें
आर्टिकल को लिखने से पहले उस पर रिसर्च करें- एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल अगर आपको लिखना है तो रिसर्च करना पडेगा क्योंकि सर्च इंजन क्वालिटी कंटेट को priority देता है।
रिसर्च
के
लिए
आपको
वायरल
ब्लाग
पोस्ट,
किताबें,
यूटयूब
से
जानकारी,
विभिन्न
फेसबुक
के
ग्रूप, अच्छे ब्लागर्स के कन्टेंट से जानकारी लेनी
है
क्योंकि
आप
सभी
जानते
हैं
“content is king”
इसके बिना आपका कंटेंट seo friendly नही बन सकता हैं। इससे आपको पता भी चल जाता है कि आपको पोस्ट में क्या क्या लिखना है।
अगर आप कीवर्ड रिसर्च नहीं करते हैं तो आपका कंटेट सर्च इंजन में नहीं आयेगा और सर्च इंजन में नहीं आयेगा तो ब्लाग में ट्रेफिक नहीं आयेगा और आप अच्छी रेंक नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
कीवर्ड रिसर्च में आप यूजर की क्वेरी को इन्वाल्व करते हैं जितने यूजर के Questions के answer आप अपने आर्टिकल में देंगे उतने ही ज्यादा visitor आपके ब्लाग पर आयेगे।
Keyword research के लिए आपको आनॅलाइन बहुत टूल फ्री में मिल जायेगे जिनका उपयोग आप कर सकते हैं।
इसका एक फायदा ये भी है कि आप Multiple keyword को भी रैंक करा सकते हैं। इससे आपकी domain authority भी बढेगी।
keywords निम्न प्रकार के होते हैं
Seasonal : ये कीवर्ड एक season में ही सर्च किए जाते हैं बाकी ये पूरे समय इनका कोई यूज नहीं होता है इसलिए इनका पीछा करने का कोई फायदा नहीं है.जैसे बेस्ट दीपावली गिफट, बेस्ट रक्षाबंधन गिफट नया साल वालपेपर आदि
Evergreen: ये कीवर्डस हमेशा प्रयोग किए जाते हैं इसलिए ऐसे कीवर्ड को टारगेट करने से फायदा हमेशा होता है जैसे. कम्प्यूटर को कैसे format करते हैं कम्प्यूटर में कैसे partition करते हैं बाइक के लिए अच्छा हेलमेट, कम्प्यूटर की स्पीड कैसे बढायें आदि
Geo-targeted: ऐसे कीवर्ड एक स्पेसिफीक जीयो में सर्च किए जाते हैं जैसे. बेस्ट कोचिंग इन्सटीटयूट इन मेरठए बेस्ट होटल इन मेरठ आदि
Trending: इन कीवर्ड का बहुत छोटा जीवन होता है ये एकदम से आते हैं और लुप्त हो जाते हैं
Product-oriented: ये कीवर्ड किसी brand के बारे में होते हैं ये एफिलियेट मार्केटिंग के लिए ज्यादा उपयुक्त होते हैं
Buyer: ये कीवर्ड ब्लागर, एडवरटाइजर और एफिलियेट मार्केटर के लिए बहुत ही उपयुक्त होते हैं
2. Related keyword का का प्रयोग करें
अपने
कंटेट
में
रिलेटिड
कीवर्ड
और
long
tail
कीवर्ड
का
का
इस्तेमाल
करें
ये
आपकी
रैंकिंग
को
सर्च
इंजन
में
ज्यादा
बढा
देगी।
रिलेटिड
कीवर्ड
जानने
के
लिए
आप
गूगल
में
अपना
कीवर्ड
डालें
सर्च
रिजल्टस
में
आपको
सबसे
नीचे
आपको
रिलेटिड
कीवर्ड
दिखाई
देगे
इन्हे
अपने
आर्टिकल
में
शामिल
करें।
ऐसे
आर्टिकल
जिसमें
आप
रिलेटिड
कीवर्ड
का
प्रयोग
करते
हैं
एसइओ फ्रेन्डली आर्टिकल
कहलाते
हैं।
अन्य कीवर्ड-
Navigational or short tail keyword: इस तरह के कीवर्ड को प्रयोग करने का ज्यादा फायदा नहीं होता है। इनका टारगेट किसी वेबसाइट इत्यादि में अन्दर जाने का होता है बस जैसे- फेसबुक लागिन जीमेल लागिन आदि
Short
tail keyword: ये रैंक कराने में आसान नहीं होते हैं जैसे. वर्डपेस weight
loss
Informational or Mid Tail keyword: ये प्राबलम आरियेन्टेड कीवर्ड होते हैं
Mid
Tail keyword: ऐसे कीवर्ड में कुछ जानकारी होती है लेकिन ना तो पूरी होती है ना अधूरी ये ओडियनस को सिखाने के उददेष्य से होते हैं
Transactional or long tail keyword: ये बेस्ट कीवर्ड होते हैं जो गूगल मे rank होते हैं इनका प्रयोग करना चाहिए।
Long
tail keyword: ये मनी मेकिंग कीवर्ड होते हैं इसलिए आप इनको गोल्डन कीवर्ड भी कह सकते हैं
गोल्डन कीवर्ड कैसे खोजें-
गूगल auto सजेस्ट का सहारा लें - सर्वप्रथम तो गूगल का सहारा लें आपके Niche से सम्बन्धित कुछ कीवर्ड तो वहां से मिल जायेंगे।
गूगल सर्च रिलेटिड- आधे कीवर्ड आपको यहां से मिल जायेंगे। ये long टेल कीवर्ड होते हैं
गूगल एड- आधे कीवर्ड आपको यहां से मिल जायेंगे।
सर्च इंजन का सहारा लें- जैसे एलसो आस्किड डाट काम
(alsoasked.com) यहां पर आपको आपके niche से सम्बन्धित बहुत से कीवर्ड मिल जायेंगे।
ब्लागर से पोस्ट लिखने का आइडिया लें अब ब्लागर भी आपको कीस टापिक पर लिखना है उस टापिक को सजेस्ट करता है लेकिन ये वही आइडिया बताता है जो आपकी निश से सम्बन्धित है।
LSI कीवर्ड का सहारा लें-
1. LSI graph: यह एक फ्री टूल है ब्लाग पोस्ट लिखने के लिए।
2. keyword KEG: -यह LSI graph के ही समान है इससे आप अच्छे कीवर्ड सर्च कर सकते हैं
3. Question answer की सहायता लें- question answer की वेबसाइट आपके लिए बहुत काम आ सकती है जैसे quora, google question hub
3. SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें
एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट बनाने के लिए हमे निम्न बातों का ध्यान रखना है
एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट सर्च इंजन उन्ही को मानता है जिसमें हेडिंग टैग (H1 से H5) का सही तरीके से इस्तेमाल होता है। इससे बोटस को पता चलता है आपके आर्टिकल में क्या क्या है
अपने यूजर की query को ध्यान में रखकर आर्टिकल लिखें जिससे उसके समस्त प्रश्नों का समाधान होता है।
अपने कीवर्ड का सही जगह इस्तेमाल करें आपका कीवर्ड सर्वप्रथम आपके यूआरएल, H1 टैग, H2 टेग, उसके बाद आर्टिकल के शूरू के दो पैराग्राफ में, टाइटल टैग में और आपके मैटा डिस्क्रिप्शन में।
SEO फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें 2020 |
लेकिन उन्ही का लिंक जोडे जिनकी domain authority और page authority अच्छी हो। क्या पता दूसरी साइट का व्यक्ति इससे आपको बेकलिंक दे दे और इससे आपको भी फायदा मिलेगा
आर्टिकल में interlinking भी जरूर करें, इससे आपका Bounce rate तो कम होगा ही साथ ही visitor आपके आर्टिकल पर देर तक बना रहेगा इससे सर्च इंजन को पता चलता है कि आर्टिकल वेल्यूएबल है। आप तभी रैंकिग में आ सकते हैं।
4. यूजर की क्वेरी को समझे
सर्च इंजन क्वालिटी आर्टिकल ज्यादा पसंद करता है, आप कितने ही बेकलिंक बना लें कितना ही उसका एसइओ कर लें, पब्लिसिटी कर लें लेकिन अगर क्वालिटी नहीं है और यूजर की क्वेरी को साल्व नहीं कर रहा है तो बेकार है यूजर आयेगा थोडा रूकेगा और चला जायेगा। गूगल में रैंक करने के लिए ये आवश्यक फैक्टर है ब्रायन क्लार्क के शब्दों में
Don’t focus on having a great blog. Focus on producing a blog that’s great for your readers.”- Brian Clark
डदाहरण
- मान
लिया
user
क्वेरी
कर
रहा
gmail
login
हम
क्या
करेंगे
पूरा
डिटेल
में
बताने
लगेंगे
कि
जीमेल
क्या
होता
है
कैसे
लागिन
करेंगे
कैसे
मेल
भेजेंगे
लेकिन
आपको
नही
पता
है
कि
केवल
उसको
login
करना
है
और
अन्दर
जाना
है
बस।
उसके
बाद
आप
कहेंगे
कि
हमारे
ब्लाग
पर
traffic
नहीं
आ
रहा
है।
5. अपना आर्टिकल लम्बा और यूजर फ्रेन्डली लिखें
अपने
यूजर
के
लिए
आर्टिकल
लिखें
और
लम्बा
लिखें
जिससे
उसके
सारे
question
के
जवाब
मिल
जायें
और
उसको
कहीं
और
ना
जाना
पडे।
जिन्होंने नया ब्लाग start किया है उनको इस बात का ध्यान रखना है कि आर्टिकल लम्बा हो और useful भी हो।
ऐसे आर्टिकल जो लम्बे होते हैं और जिनमें यूजर की सारी query का solution होता है ऐसे आर्टिकल एसइओ फ्रेन्डली कन्टेंट या एसइओ दोस्ताना कन्टेंट होते हैं
6. मेटा डिस्क्रिप्शन
तो दोस्तो हम बात कर रहे थे एसईओ फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे करें मेटा डिस्क्रिप्शन आपकी पोस्ट का संक्षिप्त भाग होता है
जिसमें
आप
विजिटर
को
बताते
हैं
कि
इसमें
क्या
है
इस
पोस्ट
में
आपको
क्या
जानकारी
मिलेगी।
सर्च
इंजन
में
ये
बोल्ड फारमेट
में
दिखाई
देते
हैं।
मेटा
डिस्क्रिप्शन
को
देखकर
ही
अधिकतर
विजिटर
आपकी
पोस्ट
पर
क्लिक
करते
हैं
लेकिन
गूगल
रैंकिग
के
लिए
ये
महत्तवपूर्ण
नहीं
है
लेकिन ये यूजर के लिए अति महत्तवपूर्ण होते हैं क्योंकि यूजर इसे ही देखकर आपके कन्टेंट पर आता है क्योंकि यहां पर उसे अपनी क्वेरी का भाग दिखाई देता है इसको ही देखकर आपके ब्लाग पर ट्रेफिक आता है
अच्छा
मेटा
डिस्क्रिप्शन
लिखने
के
लिए
अपने
टारगेट
कीवर्ड,
और
रिलेटिड
कीवर्ड
का
उसमें
प्रयोग
करें
7. Focus on Keyword difficulty not CPC
अगर
आप
Beginner
हैं
तो
आपको
CPC
पर
ध्यान
नहीं
देना
है
आपको
फोकस
सिर्फ
keyword
difficulty पर करना
है।
क्योंकि
beginner
होने
के
नाते
आपको
वो
सीपीसी
नहीं
मिलने
वाला
है। इसलिए आप सिर्फ गूगल में रैक करने पर ही फोकस करें
8. किसी एक Niche को फोकस करें
अगर
आप
एक
एक
Niche
को
टारगेट
कर
रहें
हैं
तो
इससे
गूगल
में
रैंक
होने
प्रतिशत
बढ
जाते
हैं
Multiple
niche
में
रैंक
होने
के
प्रतिशत
कम
होते
हैं।
उदाहरण-अगर
आपका
Niche
ब्लागिंग
है
तो
आपको
केवल
ब्लागिंग
से
सम्बन्घित
कीवर्ड
पर
लिखना
है
ना
कि
हैल्थ
के
बारें
में।गूगल में रैक करने के लिए ये भी एक आवश्यक फैक्टर है
9. Keyword density अथवा keyword frequency
आर्टिकल
लिखते
समय
आपको
keyword
डेंसिटी
का
भी
ध्यान
रखना
है
एक
आइडियल
कीवर्ड
1 से
2 प्रतिशत
होनी
चाहिए।
यानि
अगर
आपका
आर्टिकल
100 शब्दों
का
है
तो
उसमें
आपका
कीवर्ड
1 या
2 बार
आना
चाहिए। ऐसे कन्टेंट seo friendly होते हैं और गूगल में जल्दी रैक करते हैं
उदाहरण-
माना
अगर
आपने
1500 शब्दों
का
आर्टिकल
लिखा
है
और
आपने
कीफ्रेज
20 बार
प्रयोग
किए
हैं
तो
यह
निम्न
प्रकार
होगा।
20/1500=.013×100=1.3%
इस तरह
आपकी
कीवर्ड
डेंसिटी
1.3% होगी।
10. Keyword Golden Ratio (KGR) तकनीक
इस तकनीक के द्वारा आप गूगल में बहुत जल्दी रेंक कर सकते हैं अगर आपका नया ब्लाग या वेबसाइट है जो गूगल मे रैंक नहीं हो रहा है तो इसका प्रयोग करके आप अपनी पोस्ट को गूगल में रैंक करा सकते हैं
कीवर्ड गोल्डन रेशियो =
सभी टाइटल में नम्बरों की संख्या (allintitle) /सर्च वाल्यूम (search volume)
मान लिया हमें निम्न
कीवर्ड पर केजीआर लगाना है।
allintitle: seo
friendly content kaise likhe
allintitle गूगल में जब हम डालते हैं तो वहां पर दिखाई देता है। इसमें जितने नम्बर रिजल्ट में आते हैं दिखाई देते हैं
मान लिया ये हमारा रिजल्ट आता है 25 और इसका सर्च वाल्यूम आता 100
तो हमारा केजीआर निम्न प्रकार होगा
=25/100= KGR
=1/4=.25
आपका सर्च वाल्यूम 200 से 250 के आसपास होना चाहिए। अगर आप इस तकनीक को प्रयोग करेंगे तो आप गूगल में जल्दी रेंकिंग में आ सकते हैं।पूरा आर्टिकल आप यहां पढ सकते हैं
11. Table of content
अगर
आप
एक
बडा
आर्टिकल
लिख
रहे
हैं
तो
उसमें
टेबल
आफ
कन्टेंट
का
प्रयोग
करें
इससे
आपके
यूजर
को
भी
कन्टेंट
ढूंढने
में
आसानी
होगी।
यूजर
को
जो
कन्टेंट
चाहिए
वो
आपकी
टेबल
से
देखकर
उन्ही
topic
से
सम्ब्न्धित
डाटा
को
search
कर लेगा।
गूगल
सर्च
इंजन
भी
इस
बात
को
prefer
करता
है
जिससे
वो
आपके
कन्टेंट
को
यूजर
फ्रेन्डली और सर्च इंजन फ्रेन्डली मानता है।
ऐसे कन्टेंट एसइओ फ्रेन्डली होते हैं और गूगल में जल्दी रैक करते हैं
12. थीम
(एसईओ फ्रेन्डली ब्लागर टेम्प्लेट)
ब्लाग में रिस्पोन्सिव थीम का प्रयोग करें। रिस्पोन्सिव का मतलब होता है जो desktop, मोबाइल में सही दिखती है एडजस्टेबल, एडरिस्पोन्सिव हो।
एसईओ फ्रेन्डली ब्लागर टेम्प्लेट
मिनिमा कलर्ड 3 एक सिम्पल ब्लागर template है जो सभी ब्लाग के लिए उपयुक्त है। इसका सिम्पल कलर डिजाइन, modern लुक और ये seo आप्टिमाइजड है और ये आजकल के लोकप्रिर्य trend design पर आधारित है। इसमें जो मुख्य बाते हैं वो निम्न प्रकार है
रिस्पोन्सिव डिजाइन, एसईओ फ्रेन्डली, एडसेन्स के लिए तैयार, मैंगजीन वाला स्टाइल, 2 कालम, सर्च बाक्स, share बटन, top मिनू, नम्बर पेज navigation, लेखक का बाक्स, सब्सक्राइब के लिए बाक्स इत्यादि।
अगर आपको पूरी डिटेल में जानकारी लेनी है तो यहां से ले सकते हैं
13. अपना आर्टिकल में कीवर्ड प्लेसमेंट सही रखें
गूगल में रैंक करने के लिए ये भी एक आवश्यक कारण है आपको
कीवर्ड
का
कहां
कहां
इस्तेमाल
करना
है
यह
पता
होना
चाहिए।
आपके
1000
वर्ड
के
आर्टिकल
में
आपका
कीवर्ड
9
या
10
बार
आना
चाहिए।
आर्टिकल के url में कीवर्ड होना चाहिए,
https://indian-webmasters.com/How-write-seo-friendly-content
आर्टिकल के शुरू के दो पैराग्राफ में में कीवर्ड हों अर्टिकल में प्रष्नवाचक चिहन (Who, Why, Do) का भी इस्तेमाल करें जैसे -
Do you know What is search engine optimization
Title में कीवर्ड का प्रयोग करें - आपके कन्टेंट का टाइटल ही सर्च इंजन और यूजर को बताता है कि आपने अपनी पोस्ट में किस बारे में बताया है अतः टाइटल में कीवर्ड का प्रयोग करें।
Description में कीवर्ड डालें - अपने आर्टिकल के description में कीवर्ड डालें क्योंकि सर्च रिजल्टस में केवल आपके आर्टिकल का टाइटल और description ही दिखाई देता है। इसी वजह से सर्च इंजन उसे seo friendly मानता है।
हो सके तो मल्टिपल कीवर्ड डालें - कभी कभी यह होता है कि जिस कीवर्ड पर हम अपने आर्टिकल को रेंक कराना चाहते हैं उस पर वह रैंक न होकर किसी दूसरे कीवर्ड पर रैंक हो जाता है, इसका कारण है उसमें मल्टिपल कीवर्ड का होना जिससे कि वो किसी दूसरे कीवर्ड पर रैंक हो जाता है क्योंकि एक आर्टिकल विभिन्न तरीको से सर्च इंजन में सर्च किया जाता है।
14.
इमेज को
प्रापर आप्टिमाइज करें-
पहली
बात,
आपके
ब्लाग
पर
ट्रेफिक
बढाने
में
आपकी
इमेज
का
बहुत
ही
महत्तवपूर्ण
योगदान
होता
है
आपकी
इमेज
देखकर
यूजर
को
लगना
चाहिए
जिस
क्वेरी
को
साल्व
करने
के
लिए
वह
इस
पोस्ट
पर
आया
है
उसका
समाधान
यहां
पर
हो
जायेगा।
दूसरी
बात,
आप
जो
इमेज
ब्लाग
में
डालते
हैं
वे
PNG
या
JPG
फारमेट
में
होती
हैं
इनकी
वजह
से
ही
आपका
ब्लाग
ज्यादा
भारी
हो
जाता
है
जो
जल्दी
खुलता
नहीं
हैं,
और दोस्तो
आपतो
जानते
ही
हैं
आज
की
भागमभाग
वाली
जिन्दगी
में
कोई
इन्तजार
नहीं
करना
चाहता
है
वो
आपके
ब्लाग
से
दूसरे
ब्लाग
पर
चला
जायगा।
इसका
सीधा
solution
ये
है
कि
आप
अपनी
इमेज
को
proper
optimize
करें
आपको
इनकी
जगह
New
generation format image (WebP, JPEG200, JPEG XR) का
इस्तेमाल
करना
है।
ये
ब्राउजर
फ्रेन्डली
होती
हैं
ये इमेज
25 से
30 प्रतिशत
तक
ज्यादा
क्षमता
के
साथ
कम्प्रेस
होती
है।
और
ब्राउजर
में
जल्दी
दिखाई
देती
है।
https://en.wikipedia.org/wiki/WebP
इसलिए
आपको New Generation format में
अपनी
इमेज
को
डालना
है
जिससे
आपका
ब्लाग
ज्यादा
लोडिड
न
हो
और
यूजर
उस
पर
बना
रहे।
आप
नीचे
दिए
गए
लिंक
पर
जाकर
अपनी
इमेज
को
कम्प्रेस
कर
सकते
हैं
लिंक
अगर आप ब्लागर में अपलोडिड इमेज को
बदलना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर आप उन्हें पहले डाउनलोड करें उसके बाद
उन्हे webp में बदलें दोबारा वहीं पर डाल दें पूराने वाली हटा दें
अगर
आप
गूगल
पेज
स्पीड
में
अपने
ब्लाग
की
स्पीड
आप्टिमाइज
करोगे
ये
error
आपको
दिखाई
नहीं
देगी (serve image in next gen formats)
Alt tag
और
title
tag
का
proper
यूज
सही
तरीके
से
करना
है।
क्योंकि
इन्हीं
की
वजह
से
हमारा
आर्टिकल
एसइओ
फ्रेन्डली
माना
जाता
है।
ब्लाग
में
कन्टेंट
से
सम्बन्घित
इमेज
का
ही
प्रयोग
करें।
A blog is only as interesting as the interest shown in others.”- Lee Odden
15. इन्फोग्राफिक
गूगल में रैंक करने के लिए ये भी एक आवश्यक कारण है किसी
भी
हाईक्वालिटी
कन्टेंट
में
इन्फोग्राफिक
का
बडा
प्रभाव
पडता
है
(इन्फो-जानकारी,
ग्राफिक-तस्वीर,
पिक्चर)
आप अपने
पूरे
आर्टिकल
को
एक
ग्राफिक
के
रूप
में
प्रदर्शित
कर सकते
हैं
जो
आपकी
पोस्ट
को
वायरल
कर
सकता
है
कैसे बनायें-
आप
कोई
भी
इमेज
एडिटर
या
साफटवेयर
का
प्रयोग
कर
सकते
हैं
जैसे
corel
Draw,
photoshop
आदि।
अथवा आप online भी बना सकते हैं जैसे जैसे केनवा का प्रयोग करके इसमें आपको हाई क्वालिटी की इमेज और लाइन्स मिलती हैं जिन्हें आप एडिट कर सकते हैं।
इन्फोग्राफिक बनाते
समय
ये
यूनिक
होना
चाहिए
जिससे
यूजर
को
ये
अपनी
ओर
खींचे।
अपना मुख्य
संदेष
बोल्ड
और
जो
समझ
में
आ
जाये
कि
इमेज
में
क्या
दर्षाया
गया
है।
ज्यादा जानकारी
उसमें
ना
भरें
जिससे
वो
यूजर
को
पसंद
ना
आये।
टेक्स्ट कम
रखें
केनवा का प्रयोग कैसे करें और उससे इमेज कैसे बनायें सम्प्यूर्ण जानकारी
16. प्रोफाइल लिंक
आपको
अपना
प्रोफाइल
लिंक
बनाना
है
जैसे
फेसबुक,
टविटर,
लिंक्डइन, youtube
आदि
और
अपने
प्रोफाइल
से
बेकलिंक
बना
दिजिए
अपने
ब्लाग
का
और
उस
पर
मेप
कर
दिजिए
इससे
गूगल
को
पता
चलेगा
कि
इस
नाम
का
कोई
व्यक्ति
है
और
इसका
ये
ब्लाग
है
गूगल
की
रैंकिग
में
इसका
भी
एक
महत्तवपूर्ण
योगदान
है।
17. आर्टिकल को यूनिकोड में चेंज करें
अगर
आप
बिगिनर
हैं
और
हिन्दी
में
आर्टिकल
लिख
रहें
हैं
तो
सबसे
पहले
उसको
यूनिकोड
में
चेंज
करें
उसके
बाद
ब्लाग
पोस्ट
मे
पेस्ट
करें।
आपके
आर्टिकल
के
अक्षर
ज्यादा
बारीक
नहीं
हाने
चाहिए
क्योंकि
इससे
मोबाइल
रीडर
को
problem
हो
सकती
है।
तीसरा
जब
आप
एडसेंस
का
अप्रूवल
के
लिए
अपने
ब्लाग
को
गूगल
एडसेंस
में
भेजेंगे
तो
वहां
आपको
एक
error
मैसेज
आयेगा
(post
are not mobile friendly) इसलिए
आर्टिकल
पोस्ट
में
आर्टिकल
का
फोन्ट
मोटा
रखें।
18. Web submission
गूगल में रैंक करने के लिए ये भी आवश्यक है ब्लाग
बनाने
के
बाद
उन्हें
अलग
अलग
search
engine जैसे
गूगल,
याहू,
बिंग
आदि
को
सबमिट
कीजिए
जिससे
आपकी
साइट
जल्दी
रेंक
हो।
इसके बाद free web submission की साइट है उस पर आप अपना ब्लाग सबमिट करिये तो ट्रेफिक के चांस आपके लिए ज्यादा बढ जायेंगे।
19.Google sandbox
कुछ
एक्सपर्ट
मानते
हैं
कि
गूगल
का
का
एक
सेंडबाक्स
होता
है
आप
जब
भी
कोई
वेबसाइट
बनाकर
पोस्ट
करते
हैं
तो
उस
sandbox
में
जाती
है।
क्योंकि
गूगल
कभी
भी
नई
वेबसाइट
पर
ज्यादा
trust
नहीं
करता
है
लेकिन
कभी
कभी
वो
आपकी
पोस्ट
को
sandbox
से
निकालता
है
यूजर
के
review
के
लिए
इसे
कहते
हैं
यूजर एसेप्टिंग टेस्ट
(user accepting test)।
अगर यूजर का आपकी पोस्ट पर ज्यादा देर तक रूकता है तो गूगल आपकी दूसरी पोस्टों को भी review के लिए निकालता है।
यहां
पर
अगर
आपकी
पोस्ट
इस
टेस्ट
में
पास
हो
जाती
है
तो
गूगल
आपकी
साइट
को
सेंड
बाक्स
से
निकाल
देता
है।
इसी वजह से कभी कभी नये ब्लाग की पोस्ट रेंक नहीं होती हैं
लेकिन
गूगल
ऐसी
किसी
एल्गोरिथम
के
लिए
मना
करता
है,
लेकिन
फिर
भी
अगर
आपको
अपनी
साइट
को
सेंडबाक्स
में
नहीं
डालना
है
तो
यूजर
बेसिड
अच्छी
पोस्ट
लिखें।
20.GoogleEAT concept
आप
जो
भी
पोस्ट
या
कटेंट
लिखते
हैं
वो
गूगल
के
EAT
के
कन्सेप्ट
को
follow
करना
चाहिए।
अर्थात
अगर
मैं
एक
ब्लागर
हूं
और
आपको
ब्लागिंग
सिखा
रहा
हूं
तो
ये
ठीक
है
लेकिन
अगर
मैं
आपको
हेल्थ
या
मनी
से
सम्बनिधत
सलाह
देने
लगूं
तो
ये
सही
नहीं
है।
यह जानकारी
जुटाने
के
लिए
कि
ये
बन्दा
जो
ब्लागिंग
सिखा
रहा
है
या
नहीं
अलग
अलग
जगह
से
मेरी
प्रोफाइल
को
चेक
कराया
जायेगा
अगर
जानकारी
सही
है
तो
आपका
ब्लाग
रेंक
हो
जायेगा
अन्यथा
वो
रिव्यू
के
लिए
रहेगा।
इसका
सीधा
सा
मतलब
है
कि
जो
जिस
क्षैत्र
का
एक्सपर्ट
है
उसी
में
सलाह
दे
सकता
है
लेकिन
हर
फील्ड
में
एसा
नहीं
है।
21.अपने आर्टिकल को share करें
जब
आप
अपना
एसईओ फ्रेन्डली आर्टिकल
पूरा
कर
लें
तो
उसे
publish
करने
के
बाद
विभिन्न
प्लेटफार्म
पर
share
करें
और
अपने
विजिटर
को
भी
प्रोत्साहित
करें
कि
अगर
आपका
आर्टिकल
पसंद
आया
हो
तो
विभिन्न
जगह
share
करें
इससे आप गूगल में जल्दी रैंक करेंगे
लेकिन शेयर करने से मतलब ये नहीं है कि आप अपने आर्टिकल का लिंक कहीं भी शेयर कर दें इससे आपके कन्टेंट पर बुरा प्रभाव पडता है
22. Domain
आप कोई
सा
भी
डोमेन
ले
सकते
हैं
(.co.uk.,
.com, .in, .xyz) कुछ
लोग .com
को
ज्यादा
prefer
करते
हैं।
इसलिए .com को ज्यादा अहमियत दें
23. होस्टिंग
अगर
आपका
ब्लाग
गूगल
के
ब्लागर
पर
है
तो
आपको
होस्टिंग
लेने
के
जरूरत
नहीं
पडेगी
क्योंकि
गूगल
का
ब्लागर
अच्छा
खासा
ट्रेफिक
आसानी
से
मैनेज
कर
लेता
है।
लेकिन
अगर
wordpress
पर
है
तो
होस्टिंग
आपको
लेनी
पडेगी
क्योंकि
ये
ज्यादा
लोड
नहीं
ले
पाता
है
आपकी
साइट
डाउन
हो
सकती
है
अगर
उस
पर
ज्यादा
विजिटर
आ
जाते
हैं।
24. Keyword Stuffing
एक टारगेटिड कीवर्ड को कई बार अपने आर्टिकल में प्रयोग करने को कीवर्ड स्टफिंग कहते हैं इसमें कीवर्ड को बार बार प्रयोग किया जाता है जहां उसकी जरूरत भी नहीं है।
आपको अपने आर्टिकल में स्टफिंग नहीं करनी चाहिए इससे आपके आर्टिकल पर बुरा प्रभाव पडता है और गूगल को पता चल गया तो वो आपकी साइट को बेन भी कर सकता है।
25. Backlinks:
अगर आप बेकलिंक बनाते हैं तो आपको ये ध्यान रखना है कि अपनी नीश से समबन्धित साइट से ही बैकलिंक बनाये। अर्थात अगर आप ब्लागिंग से सम्बनिधत ब्लाग पर काम कर रहे है
एसी ही साइट से बैकलिंक लेने का प्रयास करें हेल्थ से रिलेटिड नहीं अन्यथा
इसका बुरा प्रभाव पडेगा और आप गूगल में रैंक
नहीं हो पायेंगे
26. स्पीड जरूर चेक करें
27. अपने कन्टेन्ट को अपडेट रखें
सोचिए, आप गूगल पर जाते हैं और सर्च करते हैं
कि कैसे एक ब्लाग स्टार्ट करें
लेकिन एक ब्लाग 2008 में लिखा गया है और एक अभी लेटेस्ट 2020 में लिखा गया है तो आप कौन सा ब्लाग खोलेंगे? जाहिर सी बात है 2020 वाला।
ये ब्लागिंग का नियम है। गूगल इसलिए भी कभी कभी आपका कन्टेंट रैंक नहीं करता है क्योंकि आपका कन्टेंट पुराना हैं
नये ब्लाग पर ट्रेफिक आने में थोडा समय लगता है इसलिए थोडा इन्तजार करें लकिन अगर ज्यादा समय हो गया है तो बेशक आपको देखना है कि उपर दिये गये topic में से आपकी कडी कहां से कमजोर है।
मुझे
आशा
है
कि
आपको
ये
आर्टिकल
seo
फ्रेन्डली कन्टेंट कैसे लिखें और गूगल में रेंक कैसे
करें जरूर
पसंद
आया
होगा
अगर
पसंद
आया
हो
तो
अपने
दोस्तो
के
साथ
शेयर
करें
और
उनका
भी
मार्गदर्शन
करें
जिससे
उनको
भी
कन्टेंट राइटिंग
के
बारे
कुछ
ज्ञान
प्राप्त
हो
1 comments:
Great Post Visit 10primereviews.com!
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