आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड क्या होता है इससे कैसे बचें 2021

आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड क्या होता है इससे कैसे बचें 2021

है गाइस आज बात करने वाले हैं हम आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड क्या होता है? कैसे क्लाइन्ट को फंसाया जाता है? जाली दस्तावेज में ये क्या दिखाते हैं? कैसे क्लाइन्ट को धमकाया अथवा डराया जाता है? और इससे बचा कैसे जाए।

डाटा एन्ट्री फ्राड
तो बने रहिए हमारे साथ

डाटा एन्ट्री फ्राड क्या होता है (Data entry fraud kya hota hai)

आनलाइन डाटा एन्ट्री जाॅब इन्टरनेट पर बहुत बार सर्च किया जाने वाला शब्द है जिसके हर महीने 8,100 के एवरेज में सर्च किया जाता है गूगल पर। 

क्योंकि हर कोई (विद्वार्थी, कामगार, अथवा वर्कर ) चाहता है कि थोडा पार्टटाइम काम करके कुछ कमाया जाए जिससे घर की कुछ आर्थिक मदद हो सके।

जिससे वो इस तरह के आनलाइन काम ढूंढता रहता है और ऐसे ही ताक में आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड कम्पनी (Online Data entry job fraud) बैठी रहती है। इसलिए कई बार वे इस तरह के डाटा एन्ट्री फ्राड कम्पनी के चंगुल में फंस जाता है।

और उनका काम लेकर वह अपना समय तो बर्बाद करता ही है साथ ही अपने मां बाप की खून पसीने से कमाये गये पैसे और बर्बाद कर देता है और माइन्डली ज्यादा डिप्रेस भी हो जाता है।

ये कम्पनियां गूगल में पेड प्रमोशन करके अपना एड चलाती है जिससे पेड होने के कारण ये एड गूगल में पहले स्थान पर दिखाई देते हैं।

गूगल को फ्राड कम्पनीयां एड दिखाने के अच्छे पैसे देती हैं

इसके बाद क्लाइन्ट इन एड पर क्लिक कर उनकी वेबसाइट में जाता है जहां पर उसके साथ डिलिंग की जाती है डिलिंग कुछ इस तरह की होती हैं।

फ्राड डाटा एन्ट्री जाॅब कम्पनीयो के काम करने का तरीका/ कैसे क्लाइन्ट को फंसाया जाता है

सबसे पहले ये अपनी कम्पनी का नाम क्लाइन्ट को नहीं बताते है किसी भी मल्टीनेशनल या नेशलन कम्पनी का नाम लेकर कहा जाता है कि हम इस कम्पनी से बात कर रहे हैं हमारा आनलाइन डाटा इन्ट्री/रिज्यूम फिलिंग/कैप्चा साल्विंग अगैरह वगैरह का काम है 

ये कुछ इस तरहे के काम देकर अपने क्लाइन्ट को फंसाते हैं जिससे वो फंसता चला जाता है।

डिलिंग 1 -आप 350 रू जमा करके हमारा डाटा एन्टीª, या दूसरा कोई फार्म फिलिंग, या किसी किताब की टाइपिंग वगैरह करिये आपको 25 से 30 रूपये प्रति पेज के हिसाब से दिया जाएगा।

डिलिंग 2 - आप अपना आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जमा करिये आपको रिज्यूम फिलिंग का काम दिया जाएगा इसमें आपसे पहले पैसे नहीं लिए जायेंगे लेकिन जब आप हमारा काम करके दे देंगे तब आपसे पैसे आपकी सैलरी में से काट लिया जाएगा।

इसमें आपसे ये एक आपके साथ डिल करते हैं कि 500 या 600 फार्म है आपको 6 दिन में करके देने हैं और उसमें 90 प्रतिशत एक्यूरेसी होनी चाहिए।

उसके बाद इनका डेमो आएगा आपके व्हाटसएप नम्बर पर वो आपको दिखाया जाएगा, उसमें बताया जाएगा कम्पनी किस तरह काम कराती है।

उसके बाद आपके आनलाइन हस्ताक्षर कराये जाएंगे और उसके बाद आनलाइन काम के लिए आपको एक आई डी और पासवर्ड दे दिया जाएगा।

आप काम करने बैठोगे तो वहां आपको दिखाई देगा कि आपको एक फार्म फिल करने के 30 रूपए दिए जायेंगे लेकिन आपकी अगर 90 प्रतिशत से कम एक्यूरेसी हुई तो आपको 1 प्रति के हिसाब से पे किया जाएगा।

क्लाइन्ट कैसे फंसता है

 क्लाइन्ट काम करने बैठता है तो देखता है फार्म भरने में 50 तरह कीकंडिशन होती है जैसे रिज्यूम वाले बन्दे की जन्मतिथि मेंषन करना, उसने कितने साल किस कम्पनी में काम किया है, इत्यादि हो सकता है कि आपको जो पीडीएफ दी जाए उनमें से आपका डाटा कापी हो जाए जिससे आपका काम आसान हो जाए

लेकिन ये पहले ही पेस्ट करने का आप्शन डिसेबल करके रखते हैं और तमाम तरह की परेशानी उसमें करके रखते हैं जिससे वो काम ना कर पाए, कभी कभी तो इनका काम करने वाला वेबपेज ही नहीं खुलता है, खुलता भी है तो उसमें पीडीएफ नहीं दिखाई देती है और उपर से ये बाध्यता रख देते हैं कि ये काम 6 दिन में करके देना है यानि कि 99 प्रतिशत ये काम ऐसा बना कर रखते हैं कि क्लाइन्ट काम न कर पाए।

जाली दस्तावेज में ये क्या दिखाते हैं (illegal court case)

 इनका बकायदा Registration के जाली दस्तावेज होते हैं जिसमें कम्पनी की हमारे साथ डिल दिखाई जाती है, उस पर मोहर वगैरह सभी लगी होती है जिससे क्लाइन्ट उनको सही मान लेता है।

 ये बकायदा एकाउन्ट नम्बर वगैरह सभी रखते हैं।

कैसे क्लाइन्ट को धमकाया अथवा डराया जाता है

अब अन्त में होता क्या है कम्पनी को जब काम कराना ही नहीं है तो काम होगा कैसे ?

 क्लाइन्ट पर काम होता नहीं है काम करने की तारीख निकल जाती है इनके काॅल आने शुरू हो जाते हैं 

आपको 6 दिन का टाइम दिया था और आपने काम नहीं किया है इससे कम्पनी का कितना लाॅस हुआ है इसके हर्जाने में आपको 7770 रूपये तथा इतने रूपय जी0एस0टी भरने होंगे या इससे ज्यादा भी हो सकती है

आप अगर मना करते हैं तो आपको कानूनी कार्यवाही की धमकी दी जाती है और आपके मोबाइल पर इनके मेसेजेस आने शूरू  हो जाते हैं

हो सकता है कि इनके वकील का भी फोन आये वकील भी ये दमदार रखते हैं आवाज कडक होती है क्लाइन्ट को सच में ही लगने लगता है कि मामला गम्भीर हैं। 

मेरे कहने का मतलब ये है कि पूरा प्लाट इस तरह डिजाइन किया जाता है कि क्लाइन्ट को फंसाना ही है और उससे किसी भी तरह पैसे एंठने हैं और कुछ लोग तो डर कर पैसे जमा भी कर देते हैं क्योंकि कोर्ट कचहरी के मामले से सभी डरते हैं कोई नहीं चाहता है इनके चक्कर में पडना।

और कुछ तो बेचारे इतने गरीब होते हैं जो साचते हैं कि इससे हमारे परिवार को कुछ आर्थिक सहायता होगी लेकिन हो इसका उल्टा जाता है और वे अब अपने परिवार से क्या कहें। वे सीधे आत्महत्या जैसा कदम उठाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

तो दोस्तो क्या आपके साथ भी ऐसा ही कोई दुर्घटना हुई है?

नहीं?

चलो अच्छी बात है 

आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड का पता कैसे करें 

कोई भी कम्पनी रियल है अथवा फ्राड यह आप आसानी से निचे दिये गये कामों को करके पता कर सकते हैं

1 किसी भी कम्पनी के बारे में जानने के लिए आप गूगल पर कम्पनी का नाम डालकर टाइप करिये रिव्यू जैसे companyname.com review  अथवा टाइप करियें companyname.com legit or fraud

तो इससे सम्बन्धित सारे रिव्यू आपके सामने दिखाए जायेंगे जैसे क्योरा, गूगल, फेसबुक इत्यादि जिन्हे पढकर आप कम्पनी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे वे पेमेन्ट देती है या नहीं या ये वैध है अथवा अवैध, जाकर इन वेबसाइट पर पढ सकते हैं। 

फेक वेबसाइट के बारे में रिव्यू
2 हम यहां पर आपको कुछ ऐसी वेबसाइटें बता रहें है जहां पर आप इनका यूआरएल डालकर इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं 

instafinancials.com/

viewdns.info/whois/

smallseotools.com

Seomastering.com

webconfs.com

अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं cyber-cops.com

3 इसके अलावा आप गवर्नमेन्ट वेबसाइट http://www.mca.gov.in/ पर जाकर भी उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आपको कम्पनी का CIN (Corporate Identification Number) भी पता करना है इसमें आपको कम्पनी की सूचीबद्वता, कम्पनी कोड, राज्य कोड, निगमन, साल, मालिक, पंजीकरण संख्या इत्यादि का पता चलता है।

इसके अतिरिक्त भी कुछ तथ्य हैं जैसे 

4 सबसे पहली बात कोई भी कम्पनी अपने काम कराने के लिए इतना तगडा Paid promotion नहीं कराती हैं कि गूगल में अपना एड ब्रोडकास्ट करें। क्योंकि आज इतनी बेरोजगारी है कि आप एक वैकेंसी निकालते हैं तो अगले दिन ही उस पर हजारों क्लाइन्ट काम करने के लिए तैयार मिलते हैं तो इतना तगडा प्रमोशन कराने की क्या जरूरत है? इससे साफ पता चलता है कि कम्पनी फ्राड है

5. दूसरी बात फ्राड कम्पनियों के एड आपको हर गली नुक्कड, चाय वाले के खोखे के आसपास दिखाई देते हैं जिसमें ये दावा करते दिखाई देते हैं कि हमने इतने लोगो को पेड किया है, हमारे इतने क्लाइन्ट हैं अभी तक, बकायदा उनके चेक वगैरह सभी ये दिखाते हैं। बल्कि किस किस को इन्होंने कितने पैसे दिए हैं सब दिखाए जाते हैं, भाई कम्पनी फ्राड नहीं है तो इतना दिखावा करने की क्या जरूरत है। मतलब कि अपनी इमानदारी के ये भरपूर सबूत देते हैं

फ्राड डाटा एन्ट्री कम्पनियां अपने बचाव का भरपूर जुगाड रखती हैं कभी भी कम्पनी के इमेल एड्रेस से ये क्लाइन्ट को मैसेज नहीं भेजते हैं उनको मोबाइल मैसेज ही भेजते हैं या व्हाटसएप से भेजते हैं। 

data entry fraud
क्योंकि कभी अगर क्लाइन्ट केस हेन्डल करने के लिए तैयार हो भी जाए तो ये सीधे वहां जाकर कह दें कि हमने तो केस किया ही नहीं, मतलब कि क्लाइन्ट से पैसे ऐंठने हैं किसी भी तरह।

और दूसरी बात अगर आप कोई काम पकड भी रहे हैं तो सबसे पहले आप भी अपने फ्राड डाक्यूमेंट ही जमा करके एक बार चेक जरूर करके देखें कम्पनी ठीक है या बाकी सब की ही तरह है।

ये अपने 40 या 50 अच्छे बन्दे ऐसे रखते हैं जो इनकी कम्पनी को अच्छा बतायें इनकी रेंटिंग 5 स्टार बताये इससे भी सावधान रहें।

और उसके बाद आती है गूगल एड की, वहां पर ये अपने एड दिखाने का अच्छा खासा पैसा देती हैं वहां पर आप हर समय क्लिक करें जिससे इन्हें अच्छी खासी पैसो की चपत लगेगी। क्योंकि पेड एड दिखाने की गूगल मोटी रकम लेता है इनसे। 

एड पर रोज क्लिक होंगे मुर्गा कोई फंसेगा नहीं, रजिस्ट्रेशन होगा नहीं स्टाफ को तनख्वाह देनी पडेगी कमाई कुछ होगी नहीं कम्पनी का दिवाला निकलना ही है।

फ्राड कम्पनीयों में रजिस्ट्रेशन के नाम पर रोज फोन करें। स्टाफ बिजी रहेगा काम कुछ होगा नहीं कम्पनी का दिवाला निकलना ही है।

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मेरी राय

दोस्तो आनलाइन डाटा एन्ट्री काम होता है लेकिन आप इन पेड एड वाली कम्पनीयों के चक्कर में न पडे। कुछ अच्छी वेबसाइटें हैं जैसे फ्रीलांसर डाट काम, ट्रूलांसर डाट काम, अपवर्क आदि।

आपको थोडी मेहनत तो करनी पडेगी काम पकडने के लिए लेकिन ये सेफ वेबसाइटें हैं और इनका आनलाइन अच्छा खासा रिव्यू भी है। अगर आपने इन आनलाइन डाटा एन्ट्री फ्राड कम्पनीयों को पैसे नहीं दिए है तो अच्छी बात है, और इनके कोर्ट केस वाले झांसे में भी नहीं आना।

अगर आप इस तरह के online data entry fraud के शिकार हुए हैं तो नीचे कमेन्ट में अपने बारे में बताकर दूसरो लोगो को भी इसके बारे में बताये जिससे दूसरे इसके शिकार न हों और मानसिक प्रताडित भी न हों।

अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी हो तो दूसरे लोगो के साथ शेयर करके उनको इस बारे में जागरूक करें  

जयहिंद जय भारत 

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